मेरे पड़ोस में एक अकाउण्टेण्ट रहता है. रिलायंस की किसी फ्रेंचाइज़ी में काम करता था. एक कर्मचारी को उसने बैंक में कैश जमा करने भेजा. उसे देर होने लगी तो उसने दो-तीन बार मोबाइल पर फोन किया. हुआ यह था कि उस कर्मचारी को रास्ते में किन्ही बदमाशों ने गोली मार कर उसके पास सेContinue reading “पैसे ले कर चलना खतरनाक है”
Monthly Archives: May 2007
वंजारा कहते हैं – रणभेरी बज चुकी है
गुजरात में पुलीस के अधिकारी एक व्यक्ति और उसकी पत्नी के छ्द्म-एनकाउंटर के मामले में पकड़ लिये गये हैं. उनमें से प्रमुख, डीजी वंजारा ने कहा है – “बैटल लाइंस आर ड्रान.” बैटल लाइन वास्तव में खिंच गयी है. पुलीस, राजनेता, अपराधी, मीडिया और आम जनता – इस रणभेरी में सभी गड्ड-मड्ड हैं. यह केवलContinue reading “वंजारा कहते हैं – रणभेरी बज चुकी है”
हसन जमाल को इंटरनेटेनिया क्यों नहीं हो सकता
बेताल पच्चीसी की तरह इस ब्लॉग पोस्ट में लिंक और पेंच हैं. पहला और डायरेक्ट लिंक है रवि रतलामी का ब्लॉग. उसमें 4-5 लिंक हैं जो आप फुर्सत से वहीं से क्लिक करें. हसन जमाल एक मुसलमान का नाम है. ये सज्जन लिखते हैं. नया ज्ञानोदय जैसे अभिजात्य हिन्दी जर्नल-नुमा-पत्रिका में इनके पत्र/प्रतिक्रियायें छपती हैंContinue reading “हसन जमाल को इंटरनेटेनिया क्यों नहीं हो सकता”
