माइज़र कार्यक्रम देगा प्लास्टिक कचरे से डीजल


मित्रों, पेण्टागन 11 करोड़ का फण्ड दे रहा है माइज़र (MISER) कार्यक्रम के लिये. अगर यह शोध कार्यक्रम सफल रहा तो प्लास्टिक के कचरे का समाधान निकल आयेगा. आप तो जानते ही हैं कि प्लास्टिक बायो-डीग़्रेडेबल नहीं है. उसका कचरा हम आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण की बदसूरती की विरासत के रूप में निर्मित करContinue reading “माइज़र कार्यक्रम देगा प्लास्टिक कचरे से डीजल”

विकी पर कोई गया तो फिर लौटा है? – समीर लाल


भैया, समीर जी कौन सी चक्की का खाते हैं जो ऐसी सुपर सशक्त टिप्पणी करते हैं. मदान जी ने एक पोस्ट लिखी – नारदजी सुनिये जमाना बदल गया है. अब नारदजी सुनिये से हमें लगता है कह रहे हों – जीतेंद्र चौधरी सुनिये. बेचारे जीतेन्द्र सुनते-सुनते अण्डर ग्राउण्ड हो गये. वे हमें कह रहे थेContinue reading “विकी पर कोई गया तो फिर लौटा है? – समीर लाल”

रुपये की पांचवी चवन्नी कहां है?


बिग बाजार पर किशोर बियाणी की किताब* ने विभिन्न प्रांतों मे लोगों की खुदरा खरीद की अलग-अलग आदतों पर प्रकाश डाला है. वह विवरण बहुत रोचक है. मैं उस अंश का मुक्त अनुवाद पेश करता हूं – “जैसे-जैसे हमने नये शहरों और नये लोगों को सेवा देनी प्रारम्भ की, हमें यह अहसास हो गया किContinue reading “रुपये की पांचवी चवन्नी कहां है?”

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