गा-गा कर चने बेचने वाले लगता है भूतकाल हो गये। साइकल पर चने-कुरमुरे या चपटे मसालेदार चने का कनस्तर कैरियर पर लादे आगे टोकरी में अखबार के ठोंगे रखे नमकीन चने बेचने वाला गली से निकलता था तो हर मकान से भरभरा कर बच्चे और उनके पीछे बड़े भी निकल आया करते थे। बेचने वालेContinue reading “मेरा चना बना है आली!”
Monthly Archives: Nov 2007
नौकरी खतरे में है- क्या होगा?
परसों की अपनी सवेरे की ट्रेन-मॉनीटरिंग पोजीशन की बात करता हूं आपसे। इस पोजीशन के 32 A4 साइज पन्नों के साथ नरसों की रेल दुर्घटना का समय-विवरण (event-log) और चम्बल एक्स्प्रेस (जिसके इंजन ने टक्कर मारी थी) के ड्राइवर-असिस्टेण्ट ड्राइवर का बायो डाटा भी फैक्स किया था मेरे नियंत्रण कक्ष ने। अगर ये कर्मचारी जांचContinue reading “नौकरी खतरे में है- क्या होगा?”
मंघाराम एण्ड संस के असॉर्टेड बिस्कुट कहाँ गये?
बचपन में जे.बी. मंघाराम एण्ड संस के असॉर्टेड (assorted – मिश्रित, विभिन्न, चयनित) बिस्कुट का डब्बा देखा था। ऊपर लक्ष्मी जी की फोटो वाला टिन का चौकोर डिब्बा, जिसमें तरह तरह के बिस्कुट होते थे। दीपावली पर अचानक उसी की याद हो आयी।1 गिफ्ट पैक में आने वाले वे क्रीम और वेफर्स के बिस्कुट, पोलसनContinue reading “मंघाराम एण्ड संस के असॉर्टेड बिस्कुट कहाँ गये?”
