॥गुझिया बनाना उद्यम – होली मुबारक॥


यह चित्र मेरी पत्नी श्रीमती रीता पाण्डेय और मेरे भृत्य भरतलाल के गुझिया बनाने के दौरान कल शाम के समय लिया गया है। सामन्यत: रेलवे की अफसरायें इस प्रकार के चिर्कुट(?!) काम में लिप्त नहीं पायी जातीं। पर कुछ करना हो तो काम ऐसे ही होते हैं – दत्तचित्त और वातावरण से अस्तव्यस्त! यह उद्यमContinue reading “॥गुझिया बनाना उद्यम – होली मुबारक॥”

बिजनेस अखबारों की मायूसी


भारत की अर्थव्यवस्था अचानक नाजुक हो जाती है। अचानक पता चलता है कि ढ़ांचागत उद्योग डावांडोल हैं। कच्चे तेल में आग लग रही है। रियाल्टी सेक्टर का गुब्बारा फूट रहा है। यह सब जानने के लिये आपको रिप वान विंकल की तरह २० साल सोना नहीं पड़ता। अखबार २० दिन में ऐसी पल्टीमार खबरें देनेContinue reading “बिजनेस अखबारों की मायूसी”

राजभाषा बैठक के दौरान इधर उधर की


कल उत्तर-मध्य रेलवे की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की त्रैमासिक बैठक महाप्रबंधक श्री विवेक सहाय जी की अध्यक्षता में हुई। इस तरह की बैठक में सामान्यत: राजभाषा विषयक आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं। उनपर सन्तोष/असन्तोष व्यक्त किया जाता है। पिछले तीन महीने में राजभाषा अधिकारी की जो विभाग नहीं सुनता, उसपर आंकड़ों और प्रगति में कुछContinue reading “राजभाषा बैठक के दौरान इधर उधर की”

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