"भगवान की बुढ़िया" खतम होने के कगार पर


बीरबहूटी, रेड वेलवेट माइट या भगवान जी की बुढ़िया ग्रामीण परिवेश से जुडे पाठको ने तो चित्र देखकर ही इसे पहचान लिया होगा पर शहरी पाठकों के लिये इस जीव को जान पाना मुश्किल है। अभी जैसे ही मानसूनी फुहार आरम्भ होगी नदियों के आस-पास नरम मिट्टी मे लाल मखमली चादर फैल जायेगी। असंख्य छोटे-छोटेContinue reading “"भगवान की बुढ़िया" खतम होने के कगार पर”

ब्लॉग की हॉफ लाइफ


हाफ लाइफ प्योर साइण्टिफिक टर्म है। पहले मैं शीर्षक देना चाहता था "साहित्य की हॉफ लाइफ"। फिर लगा कि ह्यूमैनिटीज के साथ साइंस का घालमेल नहीं होना चाहिये। सो बैक ट्रैक करते हुये यह शीर्षक दिया – ब्लॉग की हॉफ लाइफ। ब्लॉग रेडियोएक्टिव मेटीरियल की तरह विखण्डनीय फिनॉमिनॉ है। और विखण्डन/टूटन बहुत रेण्डम तरीके सेContinue reading “ब्लॉग की हॉफ लाइफ”

ब्लॉग सांख्यिकी – चिट्ठाजगत की नयी खिड़की


आजकल एक कारण जिससे में दिन में एक दो बार चिट्ठाजगत का पन्ना खोल लेता हूं, वह है आंकड़ों के बार/पाई चार्ट और उनसे मिलने वाली इनसाइट। आप चार प्रकार के चार्ट पा सकते हैं वहां पर – आज के प्रकाशित लेखों के पाई चार्ट। हर घण्टे प्रकाशित होने वाली पोस्टें हर दिन के एक्टिवContinue reading “ब्लॉग सांख्यिकी – चिट्ठाजगत की नयी खिड़की”

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