कल्लू की प्लानिंग


कछार में घूमते पीछे से नमस्कार की आवाज आयी तो देखा कल्लू था। अपने सफेद छोटी साइज वाले कुत्ते के साथ चला आ रहा था। वह शायद मुझे अपने परिवेश से बाहर का ऐसा व्यक्ति मानता है, जिसको अपनी गतिविधियां बेलाग तरीके से बता सकता है। आज भी वह इसी मूड में दिख रहा था।Continue reading “कल्लू की प्लानिंग”

श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ नाना बने!


श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ जी ने अभी अभी फोन पर सूचना दी कि उनकी बिटिया को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। वे तुरन्त कैलीफोर्निया के लिये रवाना हो रहे हैं। श्री विश्वनाथ अपनी बिटिया से मिलने कैलीफोर्निया गये थे – सन् २०१० में। उससे सम्बन्धित उनकी सात पोस्टें मेरे ब्लॉग पर हैं। मैं इस साल केContinue reading “श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ नाना बने!”

आम्रपाली : एक बौना आम


मण्डुआडीह के स्टेशन मैनेजर हैं श्री सीपी सिंह। उन्हें कहीं से आम्रपाली संकर प्रजाति के आम के बिरवे मिले। उनमें से चार उन्होने मुझे भेजे। शायद मेरी पत्नीजी ने बहुत पहले उनसे अनुरोध कर रखा था इस विषय में। मुझे नहीं मालुम था कि आम्रपाली एक बौनी प्रजाति है आम की। अन्यथा आम तो ६०-१००Continue reading “आम्रपाली : एक बौना आम”

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