तीन महीने से ऊपर हुआ, जवाहिरलाल और पण्डाजी के बीच कुछ कहा सुनी हो गयी थी। बकौल पण्डा, जवाहिरलाल बीमार रहने लगा है। बीमार और चिड़चिड़ा। मजाक पर भी तुनक जाता है और तुनक कर वह घाट से हट गया। आजकल इधर आता नहीँ पांच सौ कदम दूर रमबगिया के सामने के मैदान मेँ बैठContinue reading “जवाहिरलाल एकाकी है!”
Daily Archives: 06-04-2013
छनवर
इलाहाबाद-मिर्जापुर रेल मार्ग पर स्टेशन पड़ते हैं – गैपुरा और बिरोही। गैपुरा से बिरोही की ओर बढ़ते हुये बांयी ओर गंगा नदी हैं। रेल लाइन और गंगा नदी ले बीच बहुत बड़ा कछार पड़ता है। यह छानबे या छनवर के नाम से जाना जाता है। बहुत बड़ा है यह कछार। इतना बड़ा कि रेल लाइनContinue reading “छनवर”