काला सिरिस (Albizia lebbeck)  का सूखा पेड़ 

नेशनल हाइवे से दिखता था। सफ़ेद विशालकाय वृक्ष। अगर छोटा होता तो मैं उसे कचनार समझता। इस मौसम में कचनार फूलता है। उसके फूल बैंजनी होते हैं पर कोई कोई पूरे सफ़ेद भी होते हैं। जब फूल लदते हैं तो पत्तियां नहीं दिखतीं। पूरा वृक्ष बैंजनी या सफ़ेद होता है। 

पर यह कचनार नहीं था। निश्चित। उस वृक्ष तक जाने के लिए पगडंडी पकडनी होती। सो जाना टाल दिया, हर बार, जब भी कौतूहल जगा। 

आज सवेरे चला ही गया। अकेले। पगडण्डी पर साईकिल साधते। 

देख कर निराशा हुई। गाँव की सामूहिक जमीन पर वह अमराई थी। उसमें था यह विशालकाय चिलबिल। कोई पत्ती नहीं उसमें। सफ़ेद सूखी फलियां लटकी थीं। उस से पेड़ सफ़ेद दिखता था। 

ध्यान से देखा तो पाया कि पेड़ लगभग सूख गया है। लगभग नहीं पूर्णतः। शायद यह अंतिम बार फला था वह। गांव वालों ने बताया – चिलबिल है यह।

विशालकाय चिलबिल का अंत। उदास मन मैंने अपनी साईकिल मोड़ी। क्या पता कहीँ जान बची हो। प्रकृति अनेकानेक चमत्कार करती है। शायद अब भी हो। 

शायद। 

संशोधन– टिपण्णी में मुझे बताया गया, यह चिलबिल नहीं, सिरिस है। मुझे अपनी जिज्ञासा मेरे सुहृद श्री प्रवीण चंद्र दुबे, चीफ कंजरवेटर ऑफ़ फोरेस्ट के पास रखनी पड़ी। उन्होंने बताया कि यह Albizia lebbeck है। हिन्दी में कहें तो काला सिरिस। 

उन्होंने यह भी बताया कि इस मौसम में इसकी पत्तियां झर जाती हैं। सिरिस फिर जी उट्ठेगा। 

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

8 thoughts on “काला सिरिस (Albizia lebbeck)  का सूखा पेड़ 

    1. धन्यवाद। मैंने ग्रामीणों से पूछा. उन्होंने चिलबिल बताया. पर आप सही होंगे. बहुधा उनका कहा गलत निकला है. खैर, पुख्ता पता कर पुन: परिवर्तन वाली पोस्ट लिखूँगा. देर सबेर. या जल्दी ही.

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  1. दिनेश शुक्ल जी, फेसबुक पर – रूखी री यह डाल वसन वासंती लेगी (आ.रा.च.शुक्ल)।

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  2. सतीश पंचम, फेसबुक पर – अरे नहीं। कुछ चिलबिल इसी प्रकृति के होते हैं। पूरा पेड़ सूखे चिलबिलों से लद जाता है। बिना पत्ते के प्राणहीन। लेकिन अगले मौसम में फिर हरियर हो जाते हैं। मुंबई के विक्रोली में है इसी तरह का पेड़।

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  3. राजेन्द्र शर्मा,फेसबुक पर – इसके बीज ड्राय फ्रूट चिरौंजी जैसे होते हैं और स्वाद में भी मजेदार पहले ये पेड़ दिखा करते थे पर इसकी लकडी भी सम्भवतया उपयोग में आती है सो काल के गाल में समाते गए।

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  4. फेस बुक पर सनातन कालरात्रि की टिप्पणी – You put new Prāna in day to day observations. Just try plucking the small branches. May be, it still has the sap of life, still alive.

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  5. फेस बुक पर श्रीधर पाण्डेय जी की टिप्पणी – चिलबिल के बीज खाने मे बहुत स्वादिष्ट होते है।

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