साहू जी के भांजे अनिल ने बताया – “यह तो नसीब है कि सेवा का मौका मिलता है। प्रेम सागर जी तो धरम पर टिके हैं। हम लोगों को अच्छी अच्छी बातें बता रहे हैं। ज्ञान की बातें बता रहे हैं। उनका यहां रुकना सौभाग्य है हमारा।”
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भेड़िअहों की दुनियाँ
लोग गाय पालते हैं और उससे स्नेह से बातचीत करते हैं। कुछ लोग तोता पालते हैं और मिट्ठूराम से भी बतियाते हैं। भेड़ से स्नेह जताना और बात करना मैंने पहली बार देखा। … कब तक नया देखने और नोटिस करने की ललक अपने में भरे रखोगे?
अमेरा रोपनी कर्मी छोड़ने आये पांच किलोमीटर
यादव जी मेरे साथ घाटी को पार किए हैं 3 किलोमीटर तक। भगवान इनके बाल बच्चों को सुखी रखे निरोग रखें। यही महादेव जी से निवेदन कर रहा हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद इनको। हर हर महादेव! – प्रेमसागर
