ऑटो वाले के पास बैठी महिला ने सुरती बनाई। खुद ली और ऑटो वाले को भी खिलाई। दांत के नीचे सुरती दाब कर ऑटो वाला पीछे जा कर एक रस्सी से ऑटो के इंजन को स्टार्ट किया। वापस आ कर ऑटो ले कर रवाना हुआ।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
ऑटो वाले के पास बैठी महिला ने सुरती बनाई। खुद ली और ऑटो वाले को भी खिलाई। दांत के नीचे सुरती दाब कर ऑटो वाला पीछे जा कर एक रस्सी से ऑटो के इंजन को स्टार्ट किया। वापस आ कर ऑटो ले कर रवाना हुआ।