इस हिन्दी ब्लॉगरी को क्या कहिये?!


राखी सावंतीय ग्लेमर राखी सावंतीय ग्लेमर के टोटके हिन्दी ब्लॉग जगत पर हावी हैं। “आईना देखो फलाने ब्लॉगर जी!” “होश में रहो अलाने ब्लॉगर!” “धिक्कर है इस सरकार को।” “जनसत्ता की कैंची की कतरन का बुरादा – यह देखो जो नहीं छापा!” “हुसैन को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिये।” “नारद/ब्लॉगवाणी/चिठ्ठाजगत क्या गन्द फैलाContinue reading “इस हिन्दी ब्लॉगरी को क्या कहिये?!”

हैं कहीं बोधिसत्व!


काशी तो शाश्वत है। वह काशी का राजा नहीं रहा होगा। वरुणा के उस पार तब जंगल रहे होंगे। उसके आसपास ही छोटा-मोटा राजा रहा होगा वह। बहुत काम नहीं था उस राजा के पास। हर रोज सैनिकों के साथ आखेट को जाता था। जंगल में हिंसक पशु नहीं थे। सो हिरण बहुत थे। वहContinue reading “हैं कहीं बोधिसत्व!”

ई-पण्डित कहां हैं आजकल?


ई-पण्डित ई-पण्डित (श्रीश बेंजवाल शर्मा) के ब्लॉग पर अंतिम पोस्ट 21 अक्तूबर 2007 की है। अर्थात लगभग आधा वर्ष हो गया उनको ब्लॉग-निष्क्रिय हुये। श्रीश वे प्रारम्भिक सज्जन हैं जो मुझे हिन्दी ब्लॉगरी की ओर लाये। वे मेरे ब्लॉग पर काफी नियमित टिप्पणी करते रहे हैं। मैने यह भी पाया है कि वे हिन्दी ब्लॉगिंगContinue reading “ई-पण्डित कहां हैं आजकल?”

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