ब्लॉग जुगलबंदी


मैं लिख लेता हूं। किरीट चित्र/स्केच बना लेते हैं। कम शब्दों का प्रयोग कर लिखना मेरी मजबूरी है।
किरीट जी के स्केचों में कुछ ही रेखाओं के प्रयोग से जीवंत दृश्य उभर आते हैं। दोनो मिल कर काम करें तो शायद कुछ उत्कृष्ट ब्लॉग लेखन बन सके।

महानगर से गांव आये लोग


रमाशंकर जी अपनी बहन, बिटिया और अपने जीजा जी से परिचय कराते हैं। बिटिया मेरा लिखा नियमित पढ़ती हैं।
बिटिया की मेरे लिखे की प्रशंसा मुझे वैसे ही अच्छी लगती है जैसे लिप्टन की हरी चाय।

लेवल क्रॉसिंग गेट के हेक्सागोनल ब्लॉक


मैं कोई अनुरोध किसी से नहीं करता। जिस विभाग में आदेश चलते रहे हों, वहां अनुरोध करने का मन नहीं होता।
समय का चक्र है – कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर। सैलून से साइकिल तक का समय चक्र!

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