न्यूरोलॉजिस्ट के पास एक विजिट


पत्नी के आधासीसी सिरदर्द के चलते मैं 2-3 महीने में उनके साथ एक बार न्यूरोलॉजिस्ट (तंत्रिका-तंत्र विशेषज्ञ) के पास जाता हूं। काफी डिमाण्ड में हैं इस प्रजाति के लोग। सवेरे मेरे एक सहायक उनसे शाम की विजिट का नम्बर ले लेते हैं; जिससे प्रतीक्षा न करनी पड़े। हर बार मेरी पत्नी की 5 मिनट कीContinue reading “न्यूरोलॉजिस्ट के पास एक विजिट”

अजब थूंकक प्रदेश है यह!


शाम के समय पत्नी जी के साथ बाजार तक घूमने निकला। लिया केवल मूली – 6 रुपये किलो। आधा किलो। वापस लौटते समय किसी विचार में चल रहा था कि सामने किसी ने पच्च से थूंका। मैं थूंक से बाल-बाल बचा। देखने पर चार-पांच व्यक्ति नजर आये जो यह थूंकने की क्रिया कर सकते थे।Continue reading “अजब थूंकक प्रदेश है यह!”

पापा, मैं तो घास छीलूंगा!


मेरे मित्र उपेन्द्र कुमार सिंह का बालक पौने चार साल का है। नाम है अंश। सांवला है तो उसे देख मुझे कृष्ण की याद आती है। चपल भी है और बुद्धिमान भी। जो कहता है उसके दार्शनिक अर्थ भी निकाले जा सकते हैं। उपेन्द्र जी का घर रेलवे लाइन के पास है सुबेदारगंज, इलाहाबाद में।Continue reading “पापा, मैं तो घास छीलूंगा!”

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