नैनो-कार की जगह सस्ते-ट्रैक्टर क्यों नहीं बनते?


मेरे प्रिय ब्लॉगर अशोक पाण्डेय ने एक महत्वपूर्ण बात लिखी है अपनी पिछली पोस्ट पर। वे कहते हैं, कि टाटा की नैनो को ले कर चीत्कार मच रहा है। पर सस्ता ट्रेक्टर बनाने की बात ही नहीं है भूमण्डलीकरण की तुरही की आवाज में। उस पोस्ट पर मेरा विचार कुछ यूं है: वह बाजारवादी व्यवस्थाContinue reading “नैनो-कार की जगह सस्ते-ट्रैक्टर क्यों नहीं बनते?”

बदलते परिदृष्य में वित्त का जुगाड़ ज्यादा जरूरी


कल मेरे एक मित्र और सरकारी सेवा के बैच-मेट मिलने आये। वे सरकारी नौकरी छोड़ चुके हैं। एक कम्पनी के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर हैं। वैसे तो किसी ठीक ठाक होटल में जाते दोपहर के भोजन को। पर बैच-मेट थे, तो मेरे साथ मेरे घर के बने टिफन को शेयर किया। हमने मित्रतापूर्ण बातें बहुत कीं।Continue reading “बदलते परिदृष्य में वित्त का जुगाड़ ज्यादा जरूरी”

सौर चूल्हा


एक खबर के मुताबिक एसोशियेटेड सीमेण्ट कम्पनी अपने सीमेण्ट उत्पादन के लिये जल और पवन ऊर्जा के विकल्प तलाश रही है। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कम्पनी पहले ही राजस्थान और तमिलनाडु में १० मेगावाट से कुछ कम की क्षमता के संयंत्र लगा चुकी है। इसी प्रकार आई.टी.सी. तमिलनाडु में १४ मेगावाट के पवन ऊर्जाContinue reading “सौर चूल्हा”

Design a site like this with WordPress.com
Get started