आज श्री सन्तोष कुमार सिंह मिलने आये। वे टोकियो, जापान से कल शाम नई दिल्ली पंहुचे और वहां से अपने घर वाराणसी जा रहे थे। रास्ते में यहां उतर कर मुझसे मिलने आये। सन्तोष तेरह साल से जापान में हैं। वे जे.एन.यू. में थे और स्कॉलरशिप से जापान पंहुचे। वहां एम.बी.ए. की पढ़ाई कर वापासContinue reading “सन्तोष कुमार सिंह”
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मिराण्डा चेतावनी
मैं अर्थर हेली का उपन्यास डिटेक्टिव पढ़ रहा था। नेट पर नहीं, पुस्तक के रूप में। यह पुस्तक लगभग दस बारह साल पहले खरीदी थी। लुगदी संस्करण, फुटपाथ से। नकली छपाई होने के चलते इसमें कुछ पन्ने धुन्धले हैं – कुछ हिस्सों में। इसी पढ़ने की दिक्कत के कारण इसे पढ़ना मुल्तवी कर दिया था। [लुगदीContinue reading “मिराण्डा चेतावनी”
निरक्षरता का मूल क्या है?
रामपुर (छद्म नाम) के सैंतालीस प्रतिशत लोग काम के हिसाब से अनपढ़ हैं। प्रौढ़ शिक्षा एवम बेसिक कर्मठता योजना अधिकारी की एक रिपोर्ट में रामपुर के बारे में चौंकाने वाली रिपोर्ट बनाई है। इसके अनुसार लगभग आधे नागरिक अखबार नहीं पढ़ सकते, नौकरी आदि के फार्म नहीं भर सकते अथवा दवा की बोतलों पर लिखेContinue reading “निरक्षरता का मूल क्या है?”
