ज्ञाता कहते हैं कि विश्व सपाट हो गया है। न केवल सपाट हो गया है अपितु सिकुड़ भी गया है। सूचना और विचारों का आदान प्रदान सरलतम स्थिति में पहुँच गया है। अब सबके पास वह सब कुछ उपलब्ध है जिससे वह कुछ भी बन सकता है। जहाँ हमारी सोच को विविधता दी नयी दिशाओंContinue reading “सपाटा और सन्नाटा”
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स्पैम (SPAM) के मायने
मैने अपने महाप्रबन्धक महोदय को एक ई-मेल भेजी थी – साढ़े तीन एम.बी. के अटैचमेण्ट के साथ। उनके यह कहने पर कि वह उन्हें मिली नहीं, मैने पुन: प्रेषित कर दी – मुझे अटैचमेण्ट के आधार पर प्रशासनिक सपोर्ट की जरूरत थी। पर दूसरी बार भी उन्हें मेल न मिलने पर अजीब लगा, सो मैंContinue reading “स्पैम (SPAM) के मायने”
विकीपेडिया (Wikipedia) की विश्वसनीयता
जब मैं विद्यार्थी था; और यह बहुत पहले की बात है; तब मुझे प्रिण्ट माध्यम के प्रति श्रद्धा थी। “ऐसा फलानी किताब में लिखा है” या यह “द हिन्दू में छपा था” कह कोट करना एक सत्य को प्रकटित करने जैसा होता था। फिर यह प्रकटन हुआ कि यह लिखने वाले भी हम जैसे हैंContinue reading “विकीपेडिया (Wikipedia) की विश्वसनीयता”
