विकास चंद्र पाण्डेय से लिया शीशम का शहद


मैंने सोचा – सच में तमस छोड़ना चाहिये और सात्विक भोजन – शहद जिसमें सम्मिलित हो – अपनाना चाहिये। जीवन शहदमय हो!

मुकेश पाठक का शहद का कॉम्बो पैक


मुकेश जी मधुमक्खी पालन में दो प्रकार से समस्याओं से जूझ रहे हैं। मधुमक्खी पालन अपने आप में चुनौती है। यह एक घुमंतू व्यवसाय है जिसमें स्थान परिवर्तन के कारण रखरखाव, लॉजिस्टिक्स और प्रबंधन की विकट समस्यायें हैं। इसके अलावा ब्राण्डेड शहद में मक्का-चावल शर्करा घोल का मिलाना दूसरी बड़ी समस्या है, जो मधुमक्खी पालन की प्रतिद्वंद्विता में सेंध लगाती है।

विकास चंद्र पाण्डेय, मधुमक्खी पालक


छत्तीस क्विण्टल शहद का उत्पाद। एक कच्ची गणना से मैं अनुमान लगा लेता हूं कि गांव के रहन सहन के हिसाब से यह सम्मानजनक मध्यवर्गीय व्यवसाय है। एक रुटीन नौकरी से कहीं अच्छा विकल्प। और भविष्य में वृद्धि की सम्भावनायें भी!

Design a site like this with WordPress.com
Get started