गोण्डा – बलरामपुर बड़ी लाइन


गोण्डा-बलरामपुर-तुलसीपुर-बढ़नी – यह लगभग 115 किलोमीटर का छोटी लाइन का खण्ड हुआ करता था रेलवे का। छोटी लाइन से बड़ी लाइन के आमान (गेज) परिवर्तन का काम चलने के लिये बन्द था। काम पिछले साल के दिये अनुमान के अनुसार यह मार्च महीने में पूरा होना था, पर जब यह लगने लगा कि उससे ज्यादा समयContinue reading “गोण्डा – बलरामपुर बड़ी लाइन”

खत्म हो फोटोग्राफ़र्स का व्यवसाय


मैं गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखने गया था। हॉल खचाखच भरा था। रेलवे के परिवार थे। रेलवे के स्कूलों के छात्र-छात्रायें थे और बाहरी व्यक्ति भी थे। मीडिया वाले भी। कार्यक्रम का स्तर अच्छा था। मुझे आगे की कतार में जगह मिली थी। कुछ बायीं ओर। स्टेज को देखनेContinue reading “खत्म हो फोटोग्राफ़र्स का व्यवसाय”

गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात


अचिन्त्य लाहिड़ी ने मुझे बताया था बंगाली लोगों के विगत शताब्दियों में गोरखपुर आने के बारे में। उन्होने यह भी कहा था कि इस विषय में बेहतर जानकारी उनके पिताजी श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी दे सकते हैं। श्री लाहिड़ी से मुलाकात मेरे आलस्य के कारण टलती रही। पर अन्तत: मैने तय किया कि सन् 2014Continue reading “गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात”

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