कृष्ण कुमार अटल


उनतीस अगस्त। शाम चार बजे। श्री कृष्ण कुमार अटल, महाप्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे की रिटायरमेण्ट के पहले अपने विभागाध्यक्षों के साथ अंतिम बैठक। एक प्रकार से वाइण्डिंग-अप। मैं उस बैठक में विभागाध्यक्ष होने के नाते उपस्थित था। चूंकि उस बैठक में हमें श्री अटल से जाते जाते उनकी 37 वर्ष की रेल सेवा पर उनके विचारContinue reading “कृष्ण कुमार अटल”

गोल्फार के चीड़, शालवन और बंसवारी


  प्रवीण पाण्डेय यहाँ थे कल और आज। वाराणसी में पदस्थापित हुये हैं। दोपहर की किसी गाड़ी से जा रहे हैं बनारस। पता नहीं किसी ने सलाह दी या नहीं, कि पहले काशी कोतवाल – काल भैरव को नमस्कार करना चाहिये। फिर उस कर्म क्षेत्र में प्रवेश जो भयंकर अराजकता का सौन्दर्य अपने में समाहितContinue reading “गोल्फार के चीड़, शालवन और बंसवारी”

“मेरा कौन पढ़ेगा” : गौरव श्रीवास्तव से मुलाकात


गौरव श्रीवास्तव पढ़ाकू जीव हैं। मोतीलाल नेहरू टेक्नॉलॉजी संस्थान के डॉक्टरेट के रिसर्च स्कॉलर। संकोची व्यक्ति। वे इस ब्लॉग के नियमित पाठक हैं। यहीं पास में उनका कार्य क्षेत्र है – मेरे घर से डेढ़ किलोमीटर दूर। पर मुझसे कभी मिले नहीं। जब उन्हे पता चला कि मैं यहां से गोरखपुर स्थानान्तरण पर जा रहाContinue reading ““मेरा कौन पढ़ेगा” : गौरव श्रीवास्तव से मुलाकात”

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