चिरंजीलाल


चिरंजीलाल अपने खेत में पानी देते दिखे। अर्से से उस खेत में कोई नहीं दीखता था। सूखता जा रहा था। वार्तालाप का ट्रिगर मेरी पत्नीजी ने किया। और चिरंजीलाल जी बताने लग गये। वे काफी समय से इस पार के खेत में ज्यादा नहीं, गंगा के उस पार के खेत में काम करते थे। गेंहूContinue reading “चिरंजीलाल”

बायोडाइजेस्टर टॉयलेट – प्रयोग पर फीडबैक


मैने एक पोस्ट तीन महीने पहले लिखी थी – बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस और बायोडाइजेस्टर टॉयलेट। इसमें रेलवे द्वारा बुंदेलखण्ड एक्सप्रेस में नये प्रकार के टॉयलेट्स प्रयोग में लाने के बारे में था। मैने लिखा था – (यह बायोडाइजेस्टर) बैक्टीरिया सियाचिन ग्लेशियर पर सेना के टॉयलेट्स का ठोस अपशिष्ट पदार्थ क्षरित करने के लिये प्रयोग में लायाContinue reading “बायोडाइजेस्टर टॉयलेट – प्रयोग पर फीडबैक”

निषादराज


सप्तसिन्धु के आर्यों के पास जीवन का आनन्द लेने के लिये समय की कमी नहीं थी। … वह कामना करते थे – कल्याण हो हमारे घोड़ों, भेड़ों, बकरियों, नर-नारियों और गायों का। (ऋक 1/45/6) इन्ही अपने पशुओं को ले वह चराते थे। राजा और उनमें इतना ही अंतर था कि जहां साधारण आर्य परिवार मेंContinue reading “निषादराज”

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