सोशल इण्टरनेट माध्यम क्रांति का वाहक?


हिन्दी ब्लॉगिंग के बारे में एक जुमला उछला था कि यह खाये-पिये-अघाये लोगों का मनोविनोद है। सुनने में खराब लगता था, पर सच भी लगता था।

अखिल भारतीय हिन्दी ब्लॉगिंग सम्मेलन, शिवकुटी, इलाहाबाद


अखिल भारतीय हिन्दी ब्लॉगिंग सम्मेलन हुआ, काहे से कि इसमें यूपोरियन और कलकत्तन प्रतिनिधित्व था। और कई महान ब्लॉगर आ नहीं पाये। उन तक समय से निमन्त्रण नहीं पंहुच पाया। मच्छर भगाने के लिये हाई पावर हिट का प्रयोग किया गया था। वातानुकूलित कमरे की व्यवस्था थी, पर जाड़ा शुरू होने के कारण बिजली काContinue reading “अखिल भारतीय हिन्दी ब्लॉगिंग सम्मेलन, शिवकुटी, इलाहाबाद”

करछना की गंगा


मैने देखा नहीं करछना की गंगा को। छ महीने से मनसूबे बांध रहा हूं। एक दिन यूं ही निकलूंगा। सबेरे की पसीजर से। करछना उतरूंगा। करछना स्टेशन के स्टेशन मास्टर साहब शायद किसी पोर्टर को साथ कर दें। पर शायद वह भी ठीक नहीं कि अपनी साहबी आइडेण्टिटी जाहिर करूं! करछना अकेले ही चल दूंगाContinue reading “करछना की गंगा”

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