लेवल क्रॉसिंग गेट के हेक्सागोनल ब्लॉक


मैं कोई अनुरोध किसी से नहीं करता। जिस विभाग में आदेश चलते रहे हों, वहां अनुरोध करने का मन नहीं होता।
समय का चक्र है – कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर। सैलून से साइकिल तक का समय चक्र!

विनोद दुबे – माई की कृपा, बच गया


माई पर विश्वास की यह आस्था तर्क के परे की चीज है। दर्शन तो उन दोनो ने भी किये होंगे। और वे परोपकार भी कर रहे थे इन्हें साथ बिठा कर लाने में। पर वे चले गये ऊपर। … वैसे ऊपर जाना बेहतर था या इस भवजगत में खटना?

गुनरी और मड़ई


थोड़ी देर मैंने इंतजार भी की कि जिसकी मड़ई है वह आ जाये तो कुछ बात हो और उसका इस मड़ई में सोने का ध्येय पता चल सके।
पर मड़ई और गुनरी अपने आप में सुंदर हैं। कौन बनाता होगा गुनरी? एक दो मुझे भी बनवानी हैं अगली सर्दियों के लिये।

Design a site like this with WordPress.com
Get started