एक मेरी बहुत पुरानी फोटो है, बिना टाई की| मुझे याद नहीं कि मैने अन्तिम बार टाई कब पहनी। आजकल तो ग्रामीण स्कूल में भी बच्चे टाई पहने दीखते हैं। मैं तो म्यूनिसेपाल्टी/सरकारी/कस्बाई स्कूलों में पढ़ा जहां टाई नहीं होती थी। मास्टरों के पास भी नहीं होती थी। मुझे यह याद है कि मैं सिविलContinue reading “पिछली बार टाई कब पहनी मैने?”
Category Archives: Railway
चुनाव, त्यौहार, बाढ़ और आलू
मैं तो कल की पोस्ट – "आलू कहां गया?" की टिप्पणियों में कनफ्यूज़ के रास्ते फ्यूज़ होता गया। समीर लाल जी ने ओपनिंग शॉट मारा – "…मगर इतना जानता हूँ कि अर्थशास्त्र में प्राइजिंग की डिमांड सप्लाई थ्योरी अपना मायने खो चुकी है और डिमांड और सप्लाई की जगह प्राइज़ निर्धारण में सट्टे बजारी नेContinue reading “चुनाव, त्यौहार, बाढ़ और आलू”
आप अपनी ट्यूब कैसे फुल रखते हैं, जी?
इस ब्लॉगजगत में कई लोगों को हैली कॉमेट की तरह चमकते और फिर फेड-आउट होते देखा है। और फेड आउट में एक दो जर्क हो सकते हैं पर फिर मौन आ ही जाता है। कुछ ऐसे कि टूथपेस्ट की ट्यूब अंतत: खाली हो जाये! अपने से मैं पूंछता हूं – मिस्टर ज्ञानदत्त, तुम्हारी ट्यूब भीContinue reading “आप अपनी ट्यूब कैसे फुल रखते हैं, जी?”
