“पचीसा।” उन्होने खेलते खेलते, बिना सिर उठाये जवाब दिया। बताया कि चौबीस गोटियोँ का खेल है। दो खिलाड़ी होते हैं। काली और सफेद गोटियों वाले। हर एक की बारह गोटियाँ होती हैं।
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सूर्यमणि तिवारी, हर्ष मिश्र और नचिकेता
हर्ष को देख कर मुझे लगा कि कठोप्निषद मात्र काव्य कल्पना नहीं। ऐसा पात्र, ऐसा नायक, हो सकता है।
दार्शनिक, कारोबारी या बाहुबली #गांवकाचिठ्ठा
उसने उत्तर देने के पहले मुंह से पीक थूंकी। शायद मुंह में सुरती थी या पान। फिर उत्तर दिया – “सोचना क्या है। देख रहे हैं, काम करने वाले आ जाएं, नावें तैयार हो कर उस पार रवाना हो जाएं। आज काम शुरू हो जाए। बस।
