एक टूथ ब्रश की मिनिमलिस्ट कथा


लोग मिनिमलिज्म पर शानदार चीजें दिखाते लिखते हैं। उनका मिनिमलिज्म वास्तव में फ्रूगेलिटी – मितव्ययता – से प्रेरित नहीं होता। उनके चित्रों के पदार्थ भी मंहगे प्रतीत होते हैं। एक प्रकार का फैशनेबल मिनिमलिस्ट उपभोक्तावाद दिखता है उनमें।

राघवेंद्र दास – बीजापुर, कर्णाटक के पदयात्री


मैं राघवेंद्र से पूछता हूं – उनका मोबाइल नम्बर क्या है? और उत्तर मुझे ट्रिप कर देता है। “कोई मोबाइल नहीं है। जब भजन करो, ध्यान करो तो किसी न किसी का फोन आ जायेगा। फोन तो ध्यान खा जायेगा। मैंने फोन ही नहीं रखा। जितना कम सामान, उतना सुखी जीवन।”

शांति, बद्री साधू और बंसी


बंसी कलकत्ता में सम्भवत: ड्राइवर थे। बंगाल में कहीं वे शांति के सम्पर्क में आये होंगे और उनसे विवाह कर अपने गांव वापस लौटे। गांव में उन्हे स्वीकार नहीं किया गया। तब बंसी के मामा, बद्री साधू ने उन्हें अपने यहां आश्रय दिया।

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