मिलीपीड्स का मतिभ्रम


मैने पिछले महीने मिलीपीड्स या भुआलिन पर लिखा था। ये नम वातावरण के जीव हैं। बरसात में निकलते और ब्रीडिंग करते हैं। बरसात खत्म होते समय ये वापस नमी तलाशते मिट्टी में घुस जाते हैं। पिछले सप्ताह बरसात खत्म हो गई थी। आईएमडी ने भी मानसून वापसी की घोषणा कर दी थी। ये मिलीपीड्स हमारेContinue reading “मिलीपीड्स का मतिभ्रम”

बारिश, चीकू और हजारा


उस रोज रात में बारिश हो रही थी। चीकू का गाछ झूम रहा था। सारा ध्यान उसी पर जा रहा था। अगले दिन यह सोच कर कि तेज हवा में उसके फल टूट कर बरबाद न हो जायें, हमने सारे फल तोड़ कर एक छोटे टब में पकने रख दिये। कल एक दो पके फल खाये। बहुत मीठे!

ठिठकता मानसून


आज की बारिश के बाद सांप निकलेंगे। वैसे इतने सालों में यह तो पता चल गया है कि अधिकांशत: वे भले कोबरा जैसे दीखते हों पर हैं चूहे खाने वाले असाढ़िया सांप ही। फिर भी सावधान तो रहना ही होता है।

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