साण्डा – धान की खेती


किसानों ने मुझे बताया कि साण्डा की पैदावार का धान ज्यादा स्वस्थ होता है; चावल के दाने बड़े होते हौं और धान की कुटाई में चावल टूटता बहुत कम है। पर साण्डा वाली खेती मेहनत मांगती है।

कठिन है जीवन, पिछली बरसात के बाद


जहां महुआरी थी, वहां अब झील बन गयी है। वह पानी कहीं निकल नहीं सकता। गांव वालों में न तो सामुहिक काम कर जल का प्रवाह बनाने की इच्छा है और न साधन। सरकार का मुंह देख रहे हैं…