उन सज्जन के प्रति, भगवान शिव के प्रति और हिंदुत्व के प्रति गहन श्रद्धा उमड़ आयी! इतने सारे सेकुलर विद्वता ठेलते बुद्धिजीवियों को ठेंगे पर रखने का मन हो आया। मैंने साइकिल किनारे खड़ी कर प्रेम पाण्डेय को स्नेह और श्रद्धा से गले लगा लिया! श्रावण बीत गया है। भादौं लगे एक सप्ताह हो गयाContinue reading “प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया”
Tag Archives: Sangam
कन्दमूल फल, चिलम और गांजा – 2012 की पोस्ट पर री विजिट
… लगता है कि (कम से कम ग्रामीण समाज में) गांजा को एक सीमा तक रिस्पेक्ट प्राप्त है, जो बीड़ी, खैनी या तंबाखू को नहीं…