कुल मिला कर लड़कियों की जिंदगी ढर्रे पर चल निकली है। वे घर संभालने लगी हैं। खेतों में कटाई के काम में जाने लगी हैं। लड़के अभी बगड्डा घूम रहे हैं, पर कुछ ही साल बाद मजदूरी, बेलदारी, मिस्त्रियाना काम में लग जायेंगे।
Tag Archives: village school
पद्मजा पान्दे, चूनी धईके तान्दे…
घर आकर चिन्ना (पद्मजा) पाण्डे ने बताया कि स्कूल में बच्चे उसपर doggerel (निरर्थक बचपन की तुकबंदी) कहते हैं – पद्मजा पान्दे (पद्मजा पाण्डे)चूनी धईके तान्दे (चोटी धर कर – पकड़ कर तान दे)खटिया से बान्दे (खटिया से बाँध दे) डॉगरेल बचपन के कवित्त हैं। निरर्थक, पर उनमें हास्य, व्यंग, स्नेह, संस्कृति, भाषा – सभीContinue reading “पद्मजा पान्दे, चूनी धईके तान्दे…”