दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है


फाइनेन्शियल टाइम्स में रिचर्ड वाटर्स का न्यूज आइटम है कि दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है. तकनीकी विकास का प्रयोग “उल्टी दिशा में प्रगति” हेतु किया जा रहा है.

हार्वर्ड लॉ स्कूल के OpenNet Initiative नामक प्रॉजेक्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है. दस देश – चीन, ईरान, बर्मा,सऊदी अरेबिया, ट्यूनीसीया, उजबेकिस्तान, तुर्की, बेला रूस, थाई लैण्ड व मिश्र व्यापक पैमाने पर वेब-ब्लॉकिन्ग करते हैं. सेंसर्शिप की नयी तकनीकें – जैसे समय-समय पर विकीपेडिया (चीन में) या गूगल ब्लॉगिंग सेवा (पकिस्तान में) पर पूरी ब्लॉकिन्ग; या “की-वर्ड फिल्टरिंग” के आधार पर संदेहास्पद मेटीरियल ट्रैक करना – प्रयोग में लाई जा रही हैं.

इन्टर्नेट का प्रयोग बढाना व उसपर शिकंजा कसना – दोनो के बीच कशमकश तेज हो गयी है.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

5 thoughts on “दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है

  1. दूसरों की बात छोडि़ये, भारत के कई अच्‍छे ब्‍लॉग और ग्रुप्‍स गूगल ने ब्‍लॉग किये हैं, मेरे पास पूरी लिस्‍ट है । जहॉं भी सच बोलने की कोशिश की जाती है और अमुक की मनपसन्‍द विषय वस्‍तु नहीं लिखी जाती वही ब्‍लॉक कर देता है । यह संघर्ष भारत में भी गूगल विरूद्ध भारतहय वेबमास्‍टर्स तथा भारतीय वेबलागर्स चल रहा है और लगभग चरम पर आ चुका है ।

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  2. Loktantra mein bhi ‘censorship’hai.Aur rahegi bhi.Chaahe jis roop mein rahe.Jin deshon ka naam aapne liya hai, wahan ke kya kahne.Taaza udaaharan hai, Pakistani ‘sarkar’ ka GEO Tv ke daftar par hamla.Aapke dwaara ullekhit desh mansik taur par ghulaam nahin hain.Unki mansikta par kisi ki ghulaami nahin hai.Unki khud ki hai.Hamaare hi desh ki sarkaar ne jis tarah se ‘ordnance factory’ khol rakhi hai, aur Supreme Court ke faislon ko bhi Ordnace paas karke badal dete hain, ye bhi censorship ka ek roop hai.Jahan tak interenet par site block karne ki baat haia to woh to bahut aasaan hai.Koi jawaab maangne bhi nahin aata.Sarkar bhi apna kaam karke khush ho jaati hai.munna

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  3. दूर क्यों जाते हैं अपने भारत में भी तो कॉलेजों, ऑफिसों वगैरह में ऑर्कुट समेत कई साइटें बैन हैं। कुछ लोगों की शरारतों का फल सब को भुगतना पड़ता है।

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  4. उपरोक्त सभी देश आज भी मानसिक रुप से गुलाम हैं, और भी बहुत कुछ है जो दुनिया के सामने नहीं है |

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  5. दो प्रकार के देश भयग्रस्त रहते है, या तो वे धार्मिक होंगे या कोम्युनिस्ट. दोनो को ही स्वतंत्रता से परहेज है, क्योंकि दोनो ने ही लोगो को काल्पनिक दुनिया दिखा रखी है. यह भ्रम वे टूटने देना नहीं चाहते.

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