लिंक से लिंक बनाते चलो


काकेश; लगता हैं बड़े मंजे ब्लॉगर हैं। अरे वाह हम भी लिंक्ड हुई गवा नाम से एक बढ़िया पोस्ट लिखी हैं। यह रेखांकित करती है ब्लॉगिंग के मेन फन्डा को। आप को अगर पोस्ट पढ़वानी है तो लिन्क कीजिये – लिंक लाइक ए मैड। जितना अधिक आप लिंक करेंगे, जितना विस्तार आपकी लिंकिंग में होगाContinue reading “लिंक से लिंक बनाते चलो”

गुज्जर आन्दोलन,रुकी ट्रेनें और तेल पिराई की गन्ध


परसों रात में मेरा केन्द्रीय-कंट्रोल मुझे उठाता रहा. साहब, फलाने स्टेशन पर गुज्जरों की भीड़ तोड फोड कर रही है. साहब, फलने सैक्शन में उन्होने लेवल क्रासिंग गेट तोड दिये हैं. साहब, फलानी ग़ाड़ी अटकी हुयी है – आगे भी दंगा है और पीछे के स्टेशन पर भी तोड़ फोड़ है…. मैं हूं उत्तर प्रदेशContinue reading “गुज्जर आन्दोलन,रुकी ट्रेनें और तेल पिराई की गन्ध”

अच्छा लिखोगे तभी तो लोग पढ़ेंगे


ब्लॉगरी में अच्छी हिन्दी आये इसको लेकर मंथन चल रहा हे. अज़दक जी लिख चुके हैं उसपर दो पोस्ट. उसपर अनामदास जी टिप्पणी कर चुके हैं. इधर देखा तो नीलिमा जी भी लिख चुकी हैं. शास्त्री जे सी फिलिप जी सारथी निकालते हैं. उनका सारथी ब्लॉग नहीं, ब्लॉग का इन्द्रधनुष है. वे भी हिन्दी कीContinue reading “अच्छा लिखोगे तभी तो लोग पढ़ेंगे”

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