कोई किसी को पानी भी नहीं पिलायेगा!


बाबा भारती और डाकू खड़ग सिंह की कहानी हम सब पढ़ कर बड़े हुये हैं. बाबा भारती के घोड़े सुल्तान को डाकू खड़ग सिंह अपहृत करने में कामयाब होता है. बाबा भारती उसे बुला कर कहते हैं घोड़ा ले जाओ पर यह मत कहना कि किस प्रकार से तुमने चुराया है. अन्यथा लोग गरीबों पर विश्वास करना बन्द कर देंगे. सुदर्शन की इस कहानी में इंसानियत का बहुत बड़ा सबक है.

आज यही इंसानियत का विश्वास डगमगाने की कथा सुनाई हमारे चीफ सिक्यूरिटी कमिश्नर महोदय ने.

उन्होने बताया कि अमुक जंक्शन के पास अमुक एक्सप्रेस में एक व्यक्ति ने साथ चलते दूसरे व्यक्ति से कहा कि उसे प्यास लगी है. क्या वे उसे अपनी पानी की बोतल में से कुछ पानी दे सकते हैं? दूसरे व्यक्ति ने पानी की प्लास्टिक की बोतल आगे बढ़ा दी. पहले व्यक्ति ने बोतल से (बिना मुंह लगाये) ऊपर से कुछ घूंट पानी पिया. बोतल वापस करते समय दूसरे यात्री ने देख लिया कि पहले यात्री ने बड़ी सफाई से बोतल में दो टैबलेट डाल दी हैं. दूसरे यात्री ने शोर मचाया कि यह टैबलेट कैसे मिला रहे हो. तुरंत चेन पुल्लिंग हुई और दो लोग गाड़ी रोक कर उतर कर भाग गये. यह पहला यात्री दबोच लिया गया. उसके पास नशीले टैबलेट की पूरी शीशी पायी गयी.

चीफ सिक्यूरिटी कमिश्नर महोदय ने बताया कि जहर खुरानी की इस गैंग को बस्ट करने के पर्याप्त सुराग मिल चुके हैं. तेजी से कार्रवाई हो रही है.

चीफ सिक्यूरिटी कमिश्नर महोदय स्वयम बड़े संवेदनशील व्यक्ति हैं. उन्होने ही सुदर्शन की कहानी का हवाला दे कर बताया पानी पिलाना हम लोगों की सभ्यता में कितना पुण्य का कार्य माना जाता है. इस तरह की घटनायें तो लोगों में इंसानियत की भावना ही मार देंगी. लोग प्यासे को पानी देना भी बन्द कर देंगे.

असुर की हिंसा वृत्ति कई प्रकार से सामने आती है. सीधे-सीधे जाहिर होने वाली हिंसा तो फिर भी सरल है. जब यह इंसानियत के भेस में या इंसानियत को छल कर सामने आती है तो इसके परिणाम दूरगामी और मानवीय मूल्यों पर आघात करने वाले होते हैं.

भगवान हम सब में इस छल-छद्म के बावजूद बाबा भारती वाली मानवता बनाये रखें.


ब्लॉगर.कॉम की अंग्रेजी सैटिंग स्वत: पब्लिश करने का समय नहीं तय करती. वह पोस्ट क्रियेट करने का समय ही होता है. अत: गलती से यह पोस्ट कल की डेट में पब्लिश हो गयी है. मैं इसे पुन: पब्लिश कर रहा हूं. पहले पब्लिश की गयी पोस्ट पर आलोक पुराणिक और अनूप शुक्ल के कमेण्ट हैं.


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

14 thoughts on “कोई किसी को पानी भी नहीं पिलायेगा!

  1. सफर में जो सोह्रार्द का वातावरण रहता था । उसकी जगह अब संशय ने ले ली है।कुछ भी हो इन्सानियत ही अपमानित होती है ।

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  2. ऐसी घटनाएं तकरीबन हर बड़े शहर के रेल्वे स्टेशन में हर दूसरे चौथे दिन सुनाई दे ही जाती है, पर फ़िर भी अगर कोई सहयात्री पानी मांगे या अन्य कोई सहायता मांगे तो हम हिचकिचाएंगे ज़रुर पर सहायता के लिए बढ़ेंगे ही!!मुझे लगता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, यह खून में बसे संस्कार लुप्त नही हो सकते!!

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  3. बशीर बद्र ने चाहे जो कहा हो हम तो यही कह सकते हैकोई पानी भी न पिलायेगा कैसे चाय पिओगे तपाक से ये नये लुटेरो का शहर है सफर में सम्भल के रहा करो

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  4. बशीर बद्र ने चाहे जो कहा हो हम तो यही कह सकते हैकोई पानी भी न पिलायेगा कैसे चाय पिओगे तपाक से ये नये लुटेरो का शहर है सफर में सम्भल के रहा करो

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  5. पहले ये लोग चाय वगैरह पिलाते थे. लोगों में थोड़ी जागरूकता आयी तो पानी को माध्यम बना लिया. दुर्भाग्य से इलाहाबाद में इस तरह की पूरी गैंग आपरेट होती है और मुंबई से आनेवाली गाड़ियों के गरीब-निरक्षर मुसाफिर सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं. आप लोगों को जरूर इस बारे में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

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  6. जहर खुरानी की वारदातें दिल्ली मुंबई खंड में भी अकसर होती हैं. आमतौर पर गाड़ियाँ रतलाम सुबह सुबह पहुँचती हैं और उसमें से लुट चुके बेहोश यात्रियों को अकसर इलाज के लिए उतारा जाता है.

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  7. आलोक पुराणिक का कमेंट जो उड़ गया था उसे हम फिर से कर देते हैं :)–मार्मिक कहानी है।पानी के जरिये लूट मचाने को बिसलेरी टाइप कंपनियां ही काफी हैं, छोटे लुटेरे भी पानी के जरिये लूट मचायेंगे, तो फिर तो आम आदमी के लिए आफत है. और आज के विचार तो वाह ही वाह हैं। धांसू च फांसू तो हैं ही, कुछ नया करने के लिए ठेलक और प्रेरक भी हैं।आलोक पुराणिक

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  8. ओनो साथ वाले पर भरोसा करना कैसे को बंद कर दे भाई। लोग लुटेंगे फिर भी भरोसा करेंगे। यह तो इंसानी और हैवानी फितरतों की लड़ाई है। रावण को साधु बनना पड़ेगा, खडग सिंह को लाचार। सीता और बाबा भारती लुटेंगे पर भरोसा करेंगे । उनके भोले मन और कदम को कोई लक्ष्मण रेका नहीं रोक पाएगी । आप लगातार अच्छा लिख रहे हैं।

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  9. आमीन!!भगवान हम सब में इस छल-छद्म के बावजूद बाबा भारती वाली मानवता बनाये रखें.-समीर लाल

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  10. प्रभो, संभव नहीं है । हमें तो आपके पोस्‍ट को पढने मात्र से क्रोध आ रहा है कि अभी उठ के जायें और गोली वालों को जा के गोली मार दैं । पर कोशिस करेंगें । “आरंभ”

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