गति और स्थिरता


गति में भय है । कई लोग बहुत ही असहज हो जाते हैं यदि जीवन में घटनायें तेजी से घटने लगती हैं। हम लोग शायद यह नहीं समझ पाते कि हम कहाँ पहुँचेंगे। अज्ञात का भय ही हमें असहज कर देता है। हमें लगता है कि इतना तेज चलने से हम कहीं गिर न पड़ें।Continue reading “गति और स्थिरता”

एक साहबी आत्मा (?) के प्रलाप


मानसिक हलचल एक ब्राउन साहबी आत्मा का प्रलाप है। जिसे आधारभूत वास्तविकतायें ज्ञात नहीं। जिसकी इच्छायें बटन दबाते पूर्ण होती हैं। जिसे अगले दिन, महीने, साल, दशक या शेष जीवन की फिक्र करने की जरूरत नहीं। इस आकलन पर मैं आहत होता हूं। क्या ऐसा है? नोट – यह पोस्ट मेरी पिछली पोस्ट के संदर्भContinue reading “एक साहबी आत्मा (?) के प्रलाप”

अरहर की दाल और नीलगाय


मुझे पता चला कि उत्तरप्रदेश सरकार ने केन्द्र से नीलगाय को निर्बाध रूप से शिकार कर समाप्त करने की छूट देने के लिये अनुरोध किया है। यह खबर अपने आप में बहुत पकी नहीं है पर मुझे यह जरूर लगता है कि सरकार दलहन की फसल की कमी के लिये नीलगाय को सूली पर टांगनेContinue reading “अरहर की दाल और नीलगाय”

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