प्रेम पाण्डेय, कांवरिया का फोन आया

PremSagar when he first met me on Highway NH19.

मैंने दो दिन पहले प्रेम पाण्डेय पर पोस्ट लिखी थी। वे साल में 10-12 बार पैदल संगम से बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने के लिये कांवर ले कर जा चुके हैं। उनका मोबाइल नम्बर मैंने लिया था। पोस्ट लिखने के बाद उन्हे मैंने ह्वाट्सएप्प पर लिंक भी दिया और बात करने का प्रयास भी किया। पर यह लग रहा था कि उन्होने पिछले शनिवार के बाद ह्वाट्सएप्प देखा ही नहीं था। और उनसे बात करने के प्रयास में एक दर्जन से ज्यादा बार यही संदेश आता रहा कि मोबाइल बंद है।

आज दोपहर में उनका फोन लगा पर कोई उत्तर नहीं मिला। मैंने दो बार कोशिश की। अचानक उनका फोन आया। बताया कि वे बनारस में ही विश्वनाथ मंदिर के पास किसी गेस्ट हाउस में हैं। जब मेरा फोन उनके मोबाइल पर आ रहा था, तो वे बुरी तरह थक कर सो रहे थे। उन्हें लगा कि दो बार फोन बजा, पर वे उठा नहीं पाये।

अचानक प्रेम पाण्डेय जी का फोन आया।

“अब आज रात निकलने की सोच रहा हूं, उज्जैन के लिये।”

कैसे निकलेंगे? वाहन से या पैदल?

“पैदल ही निकलूंगा। अभी मैप देख रहा हूं।”

उन्होने ह्वाट्सएप्प मैसेज नहीं पढ़ा था। मैंने उन्हें कहा कि वे मेरी पोस्ट का उसमें दिया लिंक क्लिक कर पोस्ट पढ़ लें। लोग उनकी यात्रा के प्रति जिज्ञासु हैं। एक सज्जन ने तो त्रयम्बकेश्वर और सोमनाथ में सहायता करने और आर्थिक मदद करने की भी बात कही है। उन्होने बताया कि उनका मोबाइल बिगड़ गया था। ठीक करने को दिया तो ठीक हो कर आज मिला। उसके बाद मेरा फोन उनके पास आया।

उन्होने बताया कि वे यहां से उज्जैन जायेंगे और वहां से ओँकारेश्वर।

वे रात में बनारस से निकलते हैं और वाया प्रयाग जाते हैं तो मेरा स्थान रात में ही निकल जायेगा। मैंने उनको कहा कि अगर सवेरा हो या दिन हो तो मुझे सूचित कर मेरे यहां भोजन करें। मेरा घर हाईवे से ज्यादा दूर नहीं है।

*** द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची ***
पोस्टों की क्रम बद्ध सूची इस पेज पर दी गयी है।
द्वादश ज्योतिर्लिंग कांवर पदयात्रा पोस्टों की सूची

प्रेम पाण्डेय जी यह सब सुन कर प्रसन्न तो थे, पर उनकी आवाज में गर्मजोशी नहीं थी। थकी थकी सी आवाज। शायद थकान और नींद का असर। लम्बी यात्रा पर निकलना है; उन्हे अपनी ऊर्जा संचय कर रखनी चाहिये।

मैंने उन्हे अपनी यात्रा के विषय में सूचना देते रहने को कहा। मैंने यह भी कहा कि लोग उनकी यात्रा के बारे में जानने और भरसक उनकी सहायता करने को तत्पर होंगे। वे अगर अपनी यात्रा के एक दो चित्र भी दे सकें तो बहुत अच्छा होगा। पर मुझे लगा नहीं कि वे चित्र लेने और भेजने में बहुत दक्ष या तत्पर होंगे। फिर भी, देखा जाये कि आगे क्या होता है।

प्रेम पाण्डेय जी को शुभकामनायें।


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

5 thoughts on “प्रेम पाण्डेय, कांवरिया का फोन आया

    1. आज वे सज्जन अभी बनारस से मेरे गाँव के बीच चल रहे हैं. उन्हें घर पर बुलाने का विचार है. मिलने पर उनकी योजना स्पष्ट होगी…

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  1. कृपया आप उनकी खबर लेते रहियेगा और हमें भी बताते रहियेगा

    Liked by 1 person

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