भुंजईन – आकास की माई


पेड़ों की कोई भी चीज बेकार नहीं जाती। लोग उन्हें उठाने, काटने, बीनने के लिये सदैव तत्पर रहते हैं। इस मौसम में पत्ते नहीं झर रहे, तो यह भुंजईन जहां भी मिल रहा है, हरे पत्ते भी बीन कर संग्रह कर रही है।

रामसेवक जी के उद्यम की कथा


रामसेवक अपने काम से संतुष्ट हैं। और उसका श्रेय पूरी लगन और ईमानदारी से अपने काम करने की आदत को देते हैं। उनके अनुसार लोग अगर इसी तरह से काम करें, कभी जांगरचोरई न करें तो हर एक के लिये सम्मानजनक काम है और इज्जत है।

किरियात में मिर्च की निराई करने जाती महिलायें


ऑटो वाले के पास बैठी महिला ने सुरती बनाई। खुद ली और ऑटो वाले को भी खिलाई। दांत के नीचे सुरती दाब कर ऑटो वाला पीछे जा कर एक रस्सी से ऑटो के इंजन को स्टार्ट किया। वापस आ कर ऑटो ले कर रवाना हुआ।

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