ब्लॉगरी में अच्छी हिन्दी आये इसको लेकर मंथन चल रहा हे. अज़दक जी लिख चुके हैं उसपर दो पोस्ट. उसपर अनामदास जी टिप्पणी कर चुके हैं. इधर देखा तो नीलिमा जी भी लिख चुकी हैं. शास्त्री जे सी फिलिप जी सारथी निकालते हैं. उनका सारथी ब्लॉग नहीं, ब्लॉग का इन्द्रधनुष है. वे भी हिन्दी कीContinue reading “अच्छा लिखोगे तभी तो लोग पढ़ेंगे”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
चित भी मेरी और पट भी
बचपन में मां चिडिया की कहानी बताती थीं. चिड़िया अपनी कुलही (टोपी) पर इतराती फिर रही थी. कह रही थी कि उसकी कुलही राजमुकुट से भी अधिक सुन्दर है. उसके गायन से तंग आ कर कुलही राजा ने छीन ली थी. चिड़िया गाती फिरी – “रजवा सैतान मोर कुलही लिहेस.(राजा शैतान है. उसने मेरी टोपीContinue reading “चित भी मेरी और पट भी”
भगवान जाधव कोळी जी की याद
जळगांव में प्राइवेट नर्सिंग होम के बाहर, सन 2000 के प्रारम्भ में, मेरे साथी भीड़ लगाये रहते थे. मेरा लड़का सिर की चोटों और बदन पर कई स्थान पर जलने के कारण कोमा में इंटेंसिव केयर में भरती था. मैं व मेरी पत्नी हर क्षण आशंका ग्रस्त रहते थे कि अब कोई कर्मी या डाक्टरContinue reading “भगवान जाधव कोळी जी की याद”
