हम इतने प्रसन्न हो रहे हैं तो किसान जो मेहनत कर घर में नवान्न लाता होगा, उसकी खुशी का तो अंदाज लगाना कठिन है। तभी तो नये पिसान का गुलगुला-रोट-लपसी चढ़ता है देवी मैय्या को!
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गुलाब नाऊ
जातियां, काम धंधे, गांव की हाईरार्की – इन सब से मेरा पाला रोज रोज पड़ता है। कभी लगता है कि समाजशास्त्र का विधिवत अध्ययन कर लूं। एक दो साल उन्हीं पर पुस्तकें पढूं। शायद मेरी समझ और नजरिया सुधरे।
मुहम्मद दाऊद अंसारी की गुमटी
स्मार्ट लगता है वह। पैण्ट-टीशर्ट और हूडी पहने। हाथ में स्मार्टफोन और गले में ब्ल्यूटूथ वाला नेकबैण्ड। गठा हुआ शरीर। किसी रोमान्टिक उपन्यास या फिल्म का पात्र हो सकता है।
