अतिथि – श्री नारायण शुक्ल और उनकी टीम


यह तो साफ हो ही गया कि मेरे ब्लॉग को बहुत चाव से उन्होने पढ़ा है और इस गांवदेहात के बहुत से पात्रों से वे परिचित हो गये हैं। सिंगापुर में रहता कोई व्यक्ति अगर उस तरह का परिचय पा लेता है तो और क्या कहूं – ‘मानसिक हलचल’ धन्य हो गया।

सोनू से सौदा – गड़ौली धाम


बलराम और संदीप कर्मचारी जैसा व्यवहार करते हैं पर सोनू, तीसरी दर्जा पास, छटपट (स्मार्ट) है। वह निर्णय लेने का ‘जोखिम’ उठाता है। मुझसे मेरे बारे में, मेरे खींचे चित्रों के बारे में, मेरे लिखने के बारे में सवाल करता है।

रामनवमी – सीता जी क्या बनाती रही होंगी राम जी के बर्थडे पर?


चौदह साल का वनवास। तेरह रामनवमियाँ तो ठीकठाक बिताई होंगी राम-सीता ने वन में। यूं तो यूपोरियन आदमी जन्मदिन टाइप चोंचले में ज्यादा यकीन नहीं करता, पर सीताजी राम जी के जन्मदिन पर कुछ तो विशेष बनाती ही रही होंगी?

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