श्री बालकृष्णदास “व्यास” से एक और मुलाकात


आज योगेश्वरानन्द आश्रम के बाहर मैं और राजन भाई थे। बालकृष्णदास व्यास जी अपने कक्ष से बाहर निकल आये। शायद आहट से। उनसे बातचीत होने लगी। इधर उधर की बातचीत से प्रारम्भ हुई और मेरी पिछली पोस्ट के माध्यम से बालकृष्णदास व्यास जी के परिचय पर आ गयी। उन्होने अपने विषय में जो कुछ बताया,Continue reading “श्री बालकृष्णदास “व्यास” से एक और मुलाकात”

कमहरिया और बालकृष्णदास व्यास जी


उस शाम हम (राजन भाई और मैं) फिर कमहरिया के लिये साइकल पर निकले। शाम का समय था। यह सोचा कि आधा घण्टा जाने, आधा घण्टा आने में लगेगा। वहां आधे घण्टे रहेंगे व्यास जी के आश्रम में। शाम छ बजे से पहले लौट आयेंगे। जो रास्ता हमने चुना वह लगभग 80% पगडण्डी वाला था।Continue reading “कमहरिया और बालकृष्णदास व्यास जी”

केदारनाथ चौबे का नित्य गंगा स्नान


इस इलाके में कई लोग हैं जो बरसों से, बिला-नागा, गंगा स्नान करते रहे हैं। आज एक सज्जन मिले -श्री केदारनाथ चौबे। पास के गांव चौबेपुर के हैं। वृद्ध, दुबला शरीर, ऊर्जावान। द्वारिकापुर में एक टेकरी पर बनाये अस्थाई मन्दिर में भागवत कथा कहते हैं। कुछ सुनने वाले जुट जाते हैं। कभी कोई मेला –Continue reading “केदारनाथ चौबे का नित्य गंगा स्नान”

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