तेंदुआकलाँ का बनवासी सनी


पहली बार मुझे पता चला कि पलाश या छिउल की जड़ों के रेशे की रस्सी भी बनती है। मजबूत रस्सी। पलाश का हर अंग उपयोगी है। इसके दण्ड को ले कर ही बटुक का यज्ञोपवीत होता है। इसके पत्ते, फूल, फल, छाला – सब का ग्रामीण और वनवासी प्रयोग करते हैं।

शिवकुटी घाट पर अमौसा के दिन


गंगा किनारे फिसलन थी। उन महिलाओं को उसी का भय था। मैंने (बबिता ने) उन्हें कहा कि अगर आपको आपत्ति न हो तो मैं गंगाजी को आपके फूल चढ़ा सकती हूं।

स्कूल बंद हैं तो घर में ही खोला एक बच्चे के लिये स्कूल


सात साल की पद्मजा का अध्यापक बनना मुझे कठिन काम लगा। बहुत ही कठिन। एक बच्चे की मेधा और उसकी सीखने के स्तर पर उतर कर सोचना आसान काम नहीं है। केल्कुलस पढ़ाना साधारण जोड़, घटाना पढ़ाने की अपेक्षा आसान है।

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