शनीवार का सवेरा। दस बज गया था पर धूप नहीं निकली थी। रात में कोहरा नहीं था, पर धुन्ध बनी हुई थी। यकीन इस लिये भी था कि स्मार्टफोन का एप्प भी मिस्ट बता रहा था। कोई काम न हो और मन में उलझन हो, तो सैर पर निकल जाने से बेहतर कुछ नहीं। मैनेContinue reading “गोल्फार के सफाई वाले”
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कउड़ा
आज तीसरा दिन था, घाम नहीं निकला। शुक्रवार को पूरे दिन कोहरा छाया रहा। शीत। शनीचर के दिन कोहरा तो नहीं था, पर हवा चल रही थी और पल पल में दिशा बदल रही थी। स्नान मुल्तवी कर दिया एक दिन और फ़ेसबुक पर लिखा – और भी गम हैं जमाने में नहाने के सिवा।Continue reading “कउड़ा”
राजनीति ज्वाइन करो
वह नौजवान महिला थी। हिजाब/बुर्का पहने। श्री सुरेश प्रभु, रेल मंत्री महोदय की जन प्रतिनिधियों से भेंट करने वाले समूह में वह भी थी। अकेली महिला उन प्रतिनिधियों में। वाराणसी रेल मण्डल के सभागृह में उन्हे पिछले सप्ताह बुलाया गया था। एक ओर मंत्री महोदय, पूर्वोत्तर और उत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक और अन्य अधिकारी बैठेContinue reading “राजनीति ज्वाइन करो”
