एक विभागीय हिन्दी पत्रिका से अपेक्षा


कुछ दिन पहले यहां पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में राजभाषा की त्रैमासिक बैठक हुई। बैठक में सामान्य आंकड़ेबाजी/आंकड़े-की-बाजीगरी के अलावा वाणिज्य विभाग के हिन्दी कार्यों की प्रदर्शनी थी। महाप्रबन्धक महोदय ने उसका निरीक्षण किया और ईनाम-ऊनाम भी दिया। रूटीन कार्य। हिन्दी की बैठकें रूटीनेत्तर कम ही होती हैं। एक बात हुई। महाप्रबन्धक महोदय ने हिन्दी पत्रिकाContinue reading “एक विभागीय हिन्दी पत्रिका से अपेक्षा”

जय गुरुदेव भण्डारे का निमंत्रण


वे दो लोग मिलने आये आज (अप्रेल 22’14)। जय गुरुदेव के भण्डारे का निमंत्रण देने। भण्डारा मथुरा में है। सो गोरखपुर से वहां जाने का सवाल ही नहीं। वैसे भी जय गुरुदेव के नाम से कोई रेवरेंस नहीं बनती मन में। कौतूहल अवश्य होता है कि कैसे इतनी जबरदस्त फॉलोइंग है। उन दोनो व्यक्तियों कोContinue reading “जय गुरुदेव भण्डारे का निमंत्रण”

गोरखपुर रेलवे कॉलोनी में सवेरे की सैर


सवेरे की सैर का मजा गोरखपुर रेलवे कॉलोनी में उतना तो नहीं, जितना गंगाजी के कछार में है। पर वृक्ष और वनस्पति कछार की रेत, सब्जियों की खेती और चटक सूर्योदय की कुछ तो भरपाई करते है हैं। आजकल फागुन है तो वसन्त में वृक्षों में लदे फूलों की छटा कुछ और ही है। वृक्षContinue reading “गोरखपुर रेलवे कॉलोनी में सवेरे की सैर”

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