सही मायने में वानप्रस्थ का अनुभव तो मैने किया ही नहीं। अभी भी राजसिक वृत्ति पीछा नहीं छोड़ती। लोगों, विचारों और परिस्थितियों की सतत तुलना करने और एक को बेहतर, दूसरे को निकृष्ट मानने-देखने की आदत जीवन से माधुर्य चूस लेती है।
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कोयल काली या चितकबरी?
काली कोयल, जिसे स्त्रीलिंग का सम्बोधन भारतीय साहित्य में मिलता है, वह असल में नर कोयल है। मादा कोयल तो यह भूरी, चितकबरी पक्षी है। बेचारी! इसका उल्लेख किसी ने न किया। साहित्यकारों का ऑब्जर्वेशन और सौंदर्यबोध अजीब ही है।
रात भर डीजे बजेगा – लवण्डिया लंदन से …
हम घर में सो रहे होंगे तभी बैंड बाजा और आतिशबाजी शुरू होगी। रात भर डीजे बजता रहेगा। भोजपुरी श्लीलाश्लील गाने बजेंगे। अरहर के खेत की रास लीला की चर्चा वाला गीत बार बार बजेगा। यह वाला गाना भी बार बार आयेगा – लवण्डिया लंदन से लायेंगे, रात भर डीजे बजायेंगे।
