यह मेरे मनपसन्द विषय पर रीडर्स डाइजेस्ट से लिया गया मसाला है। चूंकि अब सर्वोत्तम नहीं छपता और मैं यह अंग्रेजी नहीं हिन्दी में प्रस्तुत कर रहा हूं – अत: मेरे विचार से यह चुरातत्वीय होते हुये भी चल जायेगा। मेरी पत्नी जी का झोला। वैसे भी शब्द मेरे अपने हैं – रीडर्स डाइजेस्ट केContinue reading “पेपर या प्लास्टिक के थैले?”
Category Archives: विश्व
सादा जीवन और गर्म होती धरती
यह पोस्ट आगे आने वाले समय में पर्यावरण परिवर्तन, ऊर्जा का प्रति व्यक्ति अंधाधुंध बढ़ता उपभोग और उसके समाधान हेतु श्री सुमन्त मिश्र कात्यायन जी के सुझाये सादा जीवन उच्च विचार के बारें में मेरी विचार हलचल को ले कर है। “सादा जीवन उच्च विचार” – अगर इसको व्यापक स्तर पर व्यवहारगत बनाना हो तोContinue reading “सादा जीवन और गर्म होती धरती”
भविष्य की ओर लौटना
एक नई पीढ़ी देख कर आया हूं। उसके साथ भविष्य की ओर लौटना लाजमी है। नाती हमेशा फुंदनेदार टोपी ही पहने थोड़े रहेगा। उसे इस शताब्दी के पार ले जाना है इस देश को, दुनियां को। कैसी होगी दुनियां? कैसी होगी चुनौतियां? अल गोर के शब्दों में कहें तो धरती हो बुखार है। सतत पेरासेटामॉलContinue reading “भविष्य की ओर लौटना”
