तीन तालियों पर मेरी पत्नीजी के विचार


सुटकहवा (पतला दुबला) तो बाकी दो हैवीवेट वालों को सम्भालने में ही हैरान परेशान दिखता है। है वो पढ़ा लिखा। चण्ट भी है। दोनो बाकी लोगों के दबाव में नहीं दिखता। पर उसका रोल जैसा है, उसके हिसाब से उसे बैलेंस बनाना पड़ता है।

महादेव! प्रेम जी, कांवर पदयात्री का विश्राम लहा हनुमना वन रेस्टहाउस में


यह नहीं सोचा था कि शंकर भगवान अपने भक्त का कस जरूर निकालते हैं, पर कभी कभी उसके लिये व्यवस्था भी अनूठी कर देते हैं।
यह सब अगर महादेव भगवान प्रेरित मिरेकल माना जाये तो यह विश्वास हो जाता है कि शंकर जी से बड़ा कोई ‘कलाकार’ देव, देवाधिदेव हईये नहीं!

डायरी, घास, निठल्ला मन, राखी और यादोत्सव


घर में बहुत चांव चांव है। मुझे मेरी बहन की आयी राखी बिटिया ने बांधी। बहन की याद आ रही है। उसके बहाने अपनी माँ-पिताजी की भी याद आ रही है। कोई भी त्यौहार क्या होता है, उम्र बढ़ने के साथ वह अतीत का यादोत्सव होने लगता है।

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