इग्यारह बजे उनका संदेश मिला – “संकरा वन है। अभी पता चला है कि बाघ या शेर आया हुआ है। उनके पैर का निशान मिले है। उसी जंगल को पार कर रहे हैं। यहाँ से ५ किलोमीटर किरन घाटी है (जहां रास्ता अवरुद्ध है) ॐ नमः शिवायः।”
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प्रेमसागर के बारे में आशंकायें
“आप मेरे बारे मेंं लिख रहे हैं, उससे मैं गर्वित नहीं होऊंगा, इसके लिये सजग रहा हूं। आप चाहे दिन में तीन बार भी लिखें, मैं उससे विचलित नहीं होऊंगा, भईया। लालसा बढ़ने से तो सारा पूजा-पाठ, सारी तपस्या नष्ट हो जाती है।”
प्रेमसागर अनूपपुर की ओर
कल उन्होने बारिश के लिये बेहतर तैयारी कर ली है। रेनकोट तो नहीं मिला, एक छाता खरीद लिया है। यह भी बताया कि छाता केवल अचानक आयी बारिश से बचने और कोई शरण ढूंढने के काम ही आयेगा। बारिश में चलते चले जाने के लिये नहीं!
