पलाश, सागौन और मध्यप्रदेश के आदिवासी


मैं प्रवीणचन्द्र दुबे जी से हाइब्रिड यूकलिप्टस और हाइब्रिड सागौन के प्लाण्टेशन के बारे में चर्चा करना चाहता था। प्रवीण जी मेरे सम्बन्धी हैं। उज्जैन सर्किल के मुख्य वन अधिकारी ( Chief Conservator of Forests) हैं। उससे भी अधिक; विद्वान और अत्यन्त सज्जन व्यक्ति हैं। उनकी विद्वता और सज्जनता मुझे सम्बन्धी होने से कहीं ज्यादाContinue reading “पलाश, सागौन और मध्यप्रदेश के आदिवासी”

गोण्डा – बलरामपुर बड़ी लाइन


गोण्डा-बलरामपुर-तुलसीपुर-बढ़नी – यह लगभग 115 किलोमीटर का छोटी लाइन का खण्ड हुआ करता था रेलवे का। छोटी लाइन से बड़ी लाइन के आमान (गेज) परिवर्तन का काम चलने के लिये बन्द था। काम पिछले साल के दिये अनुमान के अनुसार यह मार्च महीने में पूरा होना था, पर जब यह लगने लगा कि उससे ज्यादा समयContinue reading “गोण्डा – बलरामपुर बड़ी लाइन”

गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात


अचिन्त्य लाहिड़ी ने मुझे बताया था बंगाली लोगों के विगत शताब्दियों में गोरखपुर आने के बारे में। उन्होने यह भी कहा था कि इस विषय में बेहतर जानकारी उनके पिताजी श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी दे सकते हैं। श्री लाहिड़ी से मुलाकात मेरे आलस्य के कारण टलती रही। पर अन्तत: मैने तय किया कि सन् 2014Continue reading “गोरखपुर में बंगाली – श्री प्रतुल कुमार लाहिड़ी से मुलाकात”

Design a site like this with WordPress.com
Get started