मैं एक स्ट्रक्चरल इन्जीनियर (structural engineer – संरचना अभियंता) हूँ। मेरा विशेष ज्ञान और अनुभव इस्पात के बने हुए औद्योगिक संरचनाओं के अभिकल्पन के क्षेत्र में (Design of steel structures in Industrial buildings ) है। श्री जी विश्वनाथ ने अपने मन्दी से सम्बन्धित अनुभव को इस अतिथि-पोस्ट में बखूबी व्यक्त किया है। मेरा सौभाग्य हैContinue reading “जी विश्वनाथ: मंदी का मेरे व्यवसाय पर प्रभाव”
Category Archives: World
कहां गयी जीवन की प्रचुरता?
मेरे ही बचपन मेँ हवा शुद्ध थी। गंगा में बहुत पानी था – छोटे-मोटे जहाज चल सकते थे। गांव में खेत बारी तालाब में लोगों के घर अतिक्रमण नहीं कर रहे थे। बिसलरी की पानी की बोतल नहीं बिकती थी। डस्ट-एलर्जी से बचने को मास्क लगाने की तलब नहीं महसूस होती थी। बाल्टी भर आमContinue reading “कहां गयी जीवन की प्रचुरता?”
तृतीय विश्वयुद्ध की बात
आतंक की आसुरिक ताकतों से जद्दोजहद अन्तत: तृतीय विश्वयुद्ध और नाभिकीय अस्त्रों के प्रयोग में परिणत हो सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने ऐसा कहा है। यह केवल श्री कुप्पु. सी सुदर्शन के आकलन की बात नहीं है। आतंक के विषय को लेकर इस सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता। द गार्डियन मेंContinue reading “तृतीय विश्वयुद्ध की बात”
