फसल इस साल बढ़िया है। खेतों में दिखता है कि सरसों, अरहर, गेंहूं – सब अच्छा ही हुआ है। किसान और अधियरा, दोनो ही प्रसन्न होने चाहियें। महिला, जो खलिहान लीप रही थी, उसके कथन में भी सामान्य प्रसन्नता ही थी, मायूसी नहीं।
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अतिवृष्टि की सुबह, अस्पताल में
क्वार महीने का आधा खतम हो रहा है. कल अमावस्या है. कल श्राद्ध पक्ष समाप्त हो जाएगा. परसों नवरात्र प्रारंभ होगा. पर इस समय इतनी तेज बारिश पहले किसी साल हुई हो, याद नहीं पड़ता….
धोख
मैं उसे बिजूका (scarecrow) के नाम से जानता था, यहां उसे गांव में धोख कहते हैं। शायद धोखा से बना है यह। खेत में किसान की फसल को नुक्सान पंहुचाने वाले हैं जंगली जानवर (नीलगाय या घणरोज़) और अनेक प्रकार की चिड़ियां। उनको बरगलाने या डराने के लिये है यह धोख। खेत के दूसरे किनारेContinue reading “धोख”