अक्षयपात्र और शिवाला में पथिकों को मिलता है भोजन और विश्राम


इस समय सारा वातावरण परस्पर करुणा, स्नेह और भाईचारे का है। धार्मिक भेदभाव भी गायब है। अन्यथा शिवाला और मोहम्मद जहीरुद्दीन – mutually exclusive नाम हैं!

बनवासी (मुसहरों) का भोजन रखाव


बनवासी (मुसहरों) का भोजन
[…]उनके पास कोई अलमारी-मेज जैसी चीज तो थी नहीं। आसपास के जीव जन्तुओं और कुत्तों से बचाने के लिये लकड़ी के डण्डे जमीन में गाड़ कर उसके दूसरे सिरे पर भोजन की बटुली-बरतन लटका रखे थे उन्होने।[…]

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